Is Taking Such a Big EMI Justified? Here's What Experts Say! ₹36,000 की सैलरी में ₹22,000 की होम लोन EMI देना क्या ठीक रहेगा?


मान लीजिए आप एक प्राइवेट नौकरी करते हैं और आपकी महीने की सैलरी लगभग 36000 तक या इससे ज्यादा है और आप किराए पर रहते हैं और आपका किराया लगभग 10,000 से 5000 के बीच में जाता है लेकिन आप चाहते हैं कि काश शहर में मेरा अपना घर होता तो कितना अच्छा होता।

तो हमारा सुझाव यह है कि आप अपना सपना जरूर साकार कर सकते हैं वो कैसे तो मै आपको बता दूं

आपको 36000 हजार में एकदम आप घर खरीद नहीं सकते तो आपको कहीं ना कहीं से और पैसों की जरूरत पड़ेगी

आपकी सैलरी के अनुसार आपको लगभग 20 से 15 लाख के बीच में कर्ज मिल सकता है अगर आपका सिविल सही है तो इससे ज्यादा भी EMI बनाम आय (Income vs EMI Ratio):

🧾 EMI-to-Income Ratio क्या होता है?

यह दर्शाता है कि आपकी मासिक सैलरी का कितना प्रतिशत हिस्सा EMI में जा रहा है।

फॉर्मूला:
(EMI ÷ Net Monthly Salary) × 100

उदाहरण:

  • EMI = ₹22,000
  • Net Salary = ₹36,000
  • Ratio = (22,000 / 36,000) × 100 = 61.11%

बड़ी खरीदारी के लिए पर्सनल लोन: इसके फायदे और नुकसान:- 
  • अगर आपके पास सटीक योजना है, EMI देने की क्षमता है और जरूरत सच में बड़ी है — तो पर्सनल लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन बिना ज़रूरत, सिर्फ शौक के लिए या बिना प्लानिंग के लोन लेना आपके बजट को हिला सकता है।
सुझावित EMI-to-Income Ratio कितना होना चाहिए! How Much of Your Salary Should Go Toward a Home Loan EMI ?
EMI-to-Income Ratio जोखिम स्तर सलाह
🔵 20% – 30% सुरक्षित बहुत अच्छा बैलेंस
🟡 30% – 40% मध्यम जोखिम संभलकर चलें
🔴 40% से अधिक उच्च जोखिम फाइनेंशियल प्रेशर बन सकता है

👉 आपके केस में EMI आपकी सैलरी का 61% है, जो बहुत हाई माना जाएगा।

🤔 क्या ऐसी स्थिति में EMI देना उचित है ?

चुनौतियां:

  1. बचत के लिए पैसा नहीं बचेगा
  2. मेडिकल, इमरजेंसी या छुट्टियों के लिए कोई फंड नहीं
  3. लाइफस्टाइल पर असर पड़ेगा
  4. EMI में जरा भी देरी से क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है
  5. अनप्लान्ड खर्च होने पर डिफॉल्ट का खतरा

क्या करें? – सलाह और समाधान:

1. EMI कम करवाने की कोशिश करें

  • लंबी अवधि (tenure) में लोन रीसेट कराएं
  • बैंक से EMI Restructuring की बात करें

2. पार्ट-टाइम इनकम या साइड इनकम बढ़ाएं

  • Freelancing, teaching, content creation जैसे विकल्प देखें

3. लोन ट्रांसफर करवा सकते हैं

  • किसी और बैंक से कम ब्याज दर पर लोन ट्रांसफर करें
  • इससे EMI में ₹1000–₹3000 तक की राहत मिल सकती है

4. EMI पोस्टपोन / मोराटोरियम (Situational Use)

  • अगर जॉब लॉस या हेल्थ इमरजेंसी हो, तो बैंक से EMI Holiday की मांग करें
  • ध्यान रहे: ब्याज तब भी लगेगा

अंत में एक Thumb Rule याद रखें:

EMI + अन्य फिक्स खर्च (रेंट, बिल, लाइफ इंश्योरेंस आदि) = आपकी सैलरी का 50% से कम होना चाहिए।
बाकी 50% में से 20% बचत और 30% खर्च होना चाहिए।

Q1. क्या ₹36,000 की सैलरी पर ₹22,000 की EMI देना सुरक्षित है?
➡️ नहीं, यह आपकी इनकम का करीब 61% EMI में चला जाता है, जो फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से बहुत ज्यादा है। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि EMI आपकी सैलरी का 40% से कम होनी चाहिए।

Q2. इतनी बड़ी EMI से क्या परेशानी हो सकती है?
➡️ आपकी बाकी जरूरतें जैसे किराया, खाने-पीने, ट्रैवल, मेडिकल, और सेविंग्स के लिए पैसे नहीं बचेंगे। इससे आप कर्ज़ के जाल में फँस सकते हैं।

Q3. क्या बैंक इतनी बड़ी EMI अप्रूव कर देता है?
➡️ आमतौर पर नहीं। बैंक लोन अप्रूव करने से पहले आपकी monthly income, existing loans, और repayment capacity को देखकर फैसला लेते हैं। इतनी हाई EMI के लिए दूसरी इनकम या को-आवेदक (co-applicant) ज़रूरी होगा।

Q4. अगर मैं खर्च कंट्रोल करके EMI देता रहूं तो क्या यह सही फैसला है?
➡️ अगर आपकी नो डिपेंडेंसी (no dependents) है, और कोई दूसरा लोन नहीं है, तब भी यह हाई रिस्क है। एक छोटी सी मेडिकल इमरजेंसी भी आपकी EMI मिस करवा सकती है।

Q5. सही EMI क्या होनी चाहिए ₹36,000 की सैलरी पर?
➡️ आदर्श EMI होनी चाहिए: ₹36,000 × 40% = ₹14,400 से कम। इससे बाकी ज़रूरतों के लिए भी पैसे बचेंगे।

Q6. ऐसी सिचुएशन में क्या विकल्प हो सकते हैं?
✅ ये करें:

  • लोन टेन्योर बढ़ाएँ ताकि EMI घटे
  • को-आवेदक जोड़ें (जैसे spouse या parent)
  • डाउन पेमेंट बढ़ाएं
  • छोटी प्रॉपर्टी से शुरुआत करें

Q7. क्या ये फाइनेंशियल स्ट्रेस का कारण बन सकता है?
➡️ हाँ, क्योंकि आप किसी भी इमरजेंसी को कवर नहीं कर पाएंगे। EMI मिस होने से क्रेडिट स्कोर भी गिर सकता है।

Q8. क्या रेंट पर रहना फिलहाल बेहतर होगा?
➡️ हाँ, जब तक आपकी इनकम स्थिर और ज्यादा नहीं हो जाती, तब तक किराए पर रहना और सेविंग्स बढ़ाना बेहतर विकल्प हो सकता है।

₹36,000 की सैलरी में ₹22,000 EMI देना वित्तीय रूप से दबाव वाला निर्णय हो सकता है। अगर घर की दूसरी इनकम है (जैसे पत्नी की सैलरी), या खर्च बेहद सीमित हैं, तब इसे मैनेज किया जा सकता है।वरना यह व्यवस्था लंबे समय तक चलाना मुश्किल हो सकता है।

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घर लेना सपना हो सकता है, लेकिन उस सपने को बिना फाइनेंशियल प्रेशर के पूरा करना ही असली समझदारी है। 🏠💰

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