कंपनी के बारे में
स्पिनारू कमर्शियल लिमिटेड की स्थापना 2012 में कोलकाता में हुई थी। यह कंपनी डिस्पोज़ेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स जैसे एल्युमिनियम फॉयल कंटेनर, होम फॉयल, पेपर कप, प्लेट्स, बाउल्स आदि का निर्माण करती है। इसके अलावा कंपनी पेपर कप निर्माण से संबंधित मशीनरी जैसे हाई-स्पीड पेपर कप मेकिंग मशीन और फ्लेक्सो प्रिंटिंग मशीन की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री भी करती है।
कंपनी की दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स कोलकाता के Jalan इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स में स्थित हैं, और इसका कस्टमर नेटवर्क भारत के 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों तक फैला हुआ है। कंपनी भूटान को भी अपने उत्पाद निर्यात करती है।
प्रोमोटर्स और प्रबंधन टीम
कंपनी के प्रमुख प्रोमोटर्स हैं:
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श्री अमित सुल्तानिया – 25.08% हिस्सेदारी रखते हैं।
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श्री आदित्य टोडी – प्रबंध निदेशक हैं और 16.36% हिस्सेदारी रखते हैं।
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श्रीमती मृदुला टोडी – 16.5% हिस्सेदारी के साथ कंपनी की रणनीतिक दिशा में योगदान देती हैं।
वित्तीय प्रदर्शन
कंपनी ने हाल के वर्षों में अच्छा वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है:
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राजस्व (Revenue): FY2023 में ₹42.04 करोड़ से FY2024 में ₹45.50 करोड़ हुआ।
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शुद्ध लाभ (PAT): FY2023 में ₹0.93 करोड़ से FY2024 में ₹1.40 करोड़ पहुंचा।
आईपीओ विवरण
मार्च 2025 में कंपनी ने ₹10.17 करोड़ जुटाने के लिए अपना आईपीओ लॉन्च किया।
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इश्यू का आकार: 19.94 लाख इक्विटी शेयर्स
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इश्यू प्राइस: ₹51 प्रति शेयर
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लॉट साइज: 2,000 शेयर (न्यूनतम निवेश ₹1,02,000)
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आईपीओ ओपन डेट: 28 मार्च से 3 अप्रैल 2025
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लिस्टिंग प्लेटफॉर्म: BSE SME
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लिस्टिंग डेट: 8 अप्रैल 2025
सब्सक्रिप्शन और ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)
आईपीओ को मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला:
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कुल सब्सक्रिप्शन: 1.47 गुना
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रिटेल निवेशक: 1.12 गुना
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NII (नॉन-इंस्टिट्यूशनल निवेशक): 1.8 गुना
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हालांकि, कंपनी के शेयर का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शून्य रहा, जो बताता है कि अनौपचारिक बाजार में इसके शेयरों की मांग सीमित रही।
आईपीओ से मिलने वाली राशि का उपयोग
कंपनी ने अपने ड्राफ्ट में बताया है कि वह फंड का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करेगी:
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वर्किंग कैपिटल आवश्यकताएं: लगभग ₹7.1 करोड़
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जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों: लगभग ₹2 करोड़
निष्कर्ष
स्पिनारू कमर्शियल लिमिटेड डिस्पोज़ेबल पैकेजिंग क्षेत्र में एक स्थिर और उभरती हुई कंपनी है। इसके पास विविध प्रोडक्ट पोर्टफोलियो, अनुभवी प्रोमोटर्स, और स्पष्ट बिज़नेस विज़न है। आईपीओ के जरिए जुटाई गई राशि से कंपनी अपनी ग्रोथ को और मजबूत करना चाहती है। अब निवेशकों की नजर इस बात पर टिकी होगी कि कंपनी लिस्टिंग के बाद बाजार में कैसा प्रदर्शन करती है।
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