ईद-उल-फित्र: क्यों मनाई जाती है, कब आती है, कैसे मनाते हैं, और क्या पहनते हैं?

 



ईद-उल-फ़ित्र इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे "मीठी ईद" भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन खासतौर पर मीठे पकवान बनाए जाते हैं। यह त्योहार रमज़ान के पवित्र महीने के समापन का प्रतीक है, जब मुसलमान पूरे महीने रोज़ा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। आइए इस ब्लॉग में विस्तार से समझते हैं कि ईद-उल-फित्र क्यों मनाई जाती है, कब आती है, इसे कैसे मनाते हैं, और इस दिन क्या पहनते हैं।


ईद-उल-फ़ित्र क्यों मनाई जाती है?

ईद-उल-फ़ित्र को रमज़ान के रोज़ों के बाद खुदा का धन्यवाद करने और खुशियाँ मनाने के लिए मनाया जाता है। इस्लाम में यह विश्वास किया जाता है कि रमज़ान के महीने में रोज़े रखने से आत्मा की शुद्धि होती है और इंसान खुदा के करीब जाता है।

✅ इस दिन मुसलमान रमज़ान के कठिन उपवासों के बाद, अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ साझा करते हैं।
गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए फितरा (दान) दिया जाता है, ताकि सभी लोग ईद की खुशियों में शामिल हो सकें।
✅ यह भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देने वाला पर्व है, जिसमें सभी गिले-शिकवे भुलाकर लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं।


ईद कब आती है?

ईद-उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेंडर (हिजरी कैलेंडर) के अनुसार शाव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है।

✔ यह दिन चाँद देखने पर निर्भर करता है, इसलिए इसका सटीक दिन हर साल बदलता रहता है।
✔ आमतौर पर यह रमज़ान के 29 या 30 रोज़ों के बाद मनाया जाता है।
✔ ग्रेगोरियन कैलेंडर (सामान्य कैलेंडर) के अनुसार, ईद-उल-फ़ित्र 2025 में 30 मार्च या 31 मार्च को मनाई जा सकती है (चाँद देखने पर निर्भर)।


ईद कैसे मनाई जाती है?

ईद-उल-फित्र के दिन का एक खास तरीका होता है, जिसमें धार्मिक कर्तव्यों के साथ-साथ उत्सव भी शामिल होता है।

1. ईद की सुबह की तैयारियाँ:

✔ लोग सुबह जल्दी उठकर गुस्ल (स्नान) करते हैं और इत्र लगाते हैं।
✔ नए या साफ कपड़े पहनते हैं और अच्छे दिखने की कोशिश करते हैं।
✔ मस्जिद जाने से पहले फितरा (दान) दिया जाता है, ताकि गरीब लोग भी त्योहार मना सकें।

2. ईद की नमाज़ अदा करना:

✔ लोग मस्जिदों या ईदगाह (खुले मैदान) में इकट्ठा होकर ईद की विशेष नमाज़ पढ़ते हैं।
✔ इस नमाज़ के बाद लोग अल्लाह से सुख-समृद्धि की दुआ माँगते हैं
✔ नमाज़ के बाद सभी लोग एक-दूसरे को गले लगाकर "ईद मुबारक" कहते हैं।

3. मीठे पकवान और दावतें:

✔ इस दिन खासतौर पर "सेवइयाँ" बनाई जाती हैं, इसलिए इसे "मीठी ईद" भी कहा जाता है।
✔ घरों में तरह-तरह के पकवान जैसे शीर खुरमा, बिरयानी, कबाब, फिरनी और हलवा बनाए जाते हैं।
✔ दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसी एक-दूसरे के घर जाकर खाने-पीने और खुशियाँ मनाने में शामिल होते हैं।

4. तोहफे और ईदी:

बड़ों से छोटों को "ईदी" (गिफ्ट या पैसे) देने की परंपरा होती है।
✔ यह बच्चों के लिए सबसे खास चीज़ होती है, क्योंकि वे इस दिन पैसे और उपहार पाकर बेहद खुश होते हैं।

5. सामाजिक मेल-जोल:

✔ ईद का त्योहार मिलजुल कर मनाने का अवसर होता है।
✔ लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और खुशियों को साझा करते हैं।
✔ अगर कोई ग़लतफहमी या मनमुटाव होता है, तो इस दिन उसे भुलाकर रिश्ते सुधारने की कोशिश की जाती है।


ईद पर क्या पहना जाता है?

ईद पर खासतौर पर नए और पारंपरिक कपड़े पहनने की परंपरा है।

पुरुषों के लिए:

कुर्ता-पायजामा या शेरवानी पहनी जाती है।
टोपी (खासकर सफेद या गोल्डन कढ़ाई वाली) पहनी जाती है।
✔ कई लोग इत्र (परफ्यूम) लगाते हैं, जो सुन्नत (पैगंबर साहब की परंपरा) मानी जाती है।

महिलाओं के लिए:

✔ महिलाएँ शरारा, अनारकली सूट, या साड़ी पहनती हैं।
✔ हाथों में मेंहदी लगाना और चूड़ियाँ पहनना ईद की खास परंपरा है।
✔ गहने पहनकर और अच्छे से तैयार होकर महिलाएँ एक-दूसरे से मिलने जाती हैं।

बच्चों के लिए:

✔ छोटे लड़के छोटे कुर्ते-पायजामे या वेस्टर्न स्टाइल के कपड़े पहनते हैं।
✔ लड़कियाँ सुंदर फ्रॉक या सलवार-कुर्ता पहनती हैं और हाथों में मेंहदी लगाती हैं।


निष्कर्ष:

ईद-उल-फ़ित्र सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाईचारे, दयालुता और खुशी का संदेश है। यह सभी को जोड़ने और खुशियाँ साझा करने का अवसर होता है। इस दिन लोग नमाज़ पढ़ते हैं, जरूरतमंदों की मदद करते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ त्योहार मनाते हैं।

आप सभी को ईद-उल-फ़ित्र 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🤗🌙✨

  • #EidMubarak2025

  • #HappyEid

  • #EidVibes

  • #EidCelebrations

  • #EidOutfit

  • #EidFeast

  • #EidGifts

  • #EidPrayers

  • #EidWithFamily

  • #EidTraditions



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ